क्या आप अपने भविष्य के लिए निवेश करना चाहते हैं?
क्या आप इनकम टैक्स बचाना चाहते हैं?
क्या आप एक ऐसा निवेश विकल्प चाहते हैं जो आपको दोनों ही चीजें प्रदान करे?
तो ईएलएसएस आपके लिए एक सही विकल्प हो सकता है।
ELSS का पूरा नाम Equity Linked Savings Scheme है। यह एक प्रकार का म्यूचुअल फंड है जो इक्विटी बाजार में निवेश करता है। यह आपको 80C के तहत इनकम टैक्स में 1.5 लाख रुपये तक की छूट प्रदान करता है।
इस लेख में, हम इसके बारे में विस्तार से जानेंगे। हम जानेंगे कि ELSS क्या है, इसके लाभ क्या हैं, और इसमें निवेश कैसे करें।
तो आइए शुरू करते हैं!
Contents
- 1 ELSS क्या है? ELSS Kya Hota Hai?
- 2 ईएलएसएस फंड का क्या फायदा और नुकसान है?
- 3 ELSS कितने प्रकार के होते हैं?
- 4 ELSS स्कीम के Tax Benefits
- 5 ELSS में निवेश के विकल्प क्या हैं?
- 6 ELSS में निवेश कैसे करें? How To Invest In It?
- 7 ईएलएसएस में न्यूनतम कितना निवेश कर सकते हैं?
- 8 ELSS में किसे निवेश करना चाहिए?
- 9 ईएलएसएस में लॉक-इन-पीरियड कितना होता हैं? Lock In Period In ELSS
- 10 ELSS कितना रिटर्न देता हैं? क्या इन रिटर्न्स पर टैक्स लगता है?
- 11 अन्य टैक्स सेविंग स्कीम्स के मुकाबले ELSS कितना अच्छा या बुरा है?
- 12 ELSS कितना Risky होता हैं?
- 13 ELSS Scheme में आपका पैसा कहां निवेश होता है?
- 14 Growth Vs Dividend Plan – कौनसा बेहतर हैं?
- 15 निष्कर्ष (Conclusion) – ईएलएसएस क्या है?
- 16 सामान्य प्रश्न-उत्तर (FAQs) – ELSS Kya Hai?
- 16.1 भारत में ईएलएसएस फंड क्या है?
- 16.2 ELSS में निवेश करने के लिए न्यूनतम राशि क्या है?
- 16.3 ELSS में निवेश करने के क्या लाभ होते हैं?
- 16.4 ईएलएसएस निवेश के बाद पैसे कैसे निकाले जाते हैं?
- 16.5 ELSS निवेश के लिए कौन-कौन से डॉक्यूमेंट्स की आवश्यकता होती है?
- 16.6 ईएलएसएस में निवेश करने का सबसे अच्छा समय क्या है?
- 16.7 ईएलएसएस से मिलने वाला रिटर्न कितना है?
ELSS क्या है? ELSS Kya Hota Hai?
ELSS का पूरा नाम Equity Linked Savings Scheme है। यह एक प्रकार का म्यूचुअल फंड है जो इक्विटी बाजार में निवेश करता है। ELSS को भारत सरकार द्वारा 1996 में लॉन्च किया गया था। ELSS को टैक्स सेविंग स्कीम के रूप में भी जाना जाता है क्योंकि यह आपको 80C के तहत इनकम टैक्स में छूट प्रदान करता है।
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ELSS का मतलब क्या होता है?
इसका मतलब होता है कि यह एक निवेश स्कीम है जिसमें निवेशक अपने निवेश की रकम को विभिन्न प्रकार के इक्विटी शेयर्स में निवेश करते हैं। इक्विटी शेयर्स बाजारी उपकरण होते हैं, और इसका मतलब होता है कि निवेशकों का पैसा शेयर बाजार की प्रवृत्तियों के अनुसार बढ़ा या घट सकता है।
ELSS निवेश में निवेशकों को कर की छूट की भी छूट प्राप्त होती है, जो वित्तीय साल में उनके कर लिये दिए जाने वाले पैसों को कम कर सकती है।
चलिए एक उदहारण से समझते हैं:
मान लीजिए कि आपने एक ELSS में 1 लाख रुपये का निवेश किया है। 3 साल बाद, इसका मूल्य 1.2 लाख रुपये हो जाता है। आप अपने निवेश से 20,000 रुपये का लाभ कमाते हैं। इस लाभ पर आपको इनकम टैक्स नहीं देना होगा।
इस तरह, ELSS ने उनको निवेश करने के लिए टैक्स बेनिफिट्स प्रदान की और उनके पैसे को वित्तीय लाभ के साथ बढ़ावा दिया। यह निवेश वित्तीय योजनाओं का महत्वपूर्ण हिस्सा हो सकता है और टैक्स से बचाने का एक अच्छा तरीका हो सकता है।
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ईएलएसएस फंड का क्या फायदा और नुकसान है?
ईएलएसएस के फायदे
- टैक्स सेविंग: यह आपको 80C के तहत इनकम टैक्स में 1.5 लाख रुपये तक की छूट प्रदान करता है।
- उच्च रिटर्न की संभावना: इसको दीर्घकालिक निवेश के रूप में देखा जाता है, और लंबी अवधि में यह उच्च रिटर्न प्रदान कर सकता है।
- कम जोखिम: यह एक इक्विटी म्यूचुअल फंड है, लेकिन यह अन्य इक्विटी म्यूचुअल फंडों की तुलना में कम जोखिम वाला होता है।
- नियमित निवेश: ELSS में आप हर महीने या तिमाही में नियमित रूप से निवेश कर सकते हैं।
ईएलएसएस के नुकसान:
- मार्केट रिस्क: ELSS एक इक्विटी म्यूचुअल फंड है, इसलिए इसमें बाजार के जोखिम शामिल हैं। यदि बाजार में गिरावट आती है, तो आपके निवेश का मूल्य कम हो सकता है।
- लॉक-इन अवधि: इसमें निवेश करने के लिए एक 3-वर्ष की लॉक-इन अवधि होती है। इसका मतलब है कि आप अपने निवेश को 3 साल के भीतर नहीं निकाल सकते हैं।
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ELSS कितने प्रकार के होते हैं?
ईएलएसएस दो प्रकार के होते हैं: ओपन-एंड ELSS और लिस्टेड ELSS।
ओपन-एंड ELSS
यह एक प्रकार का म्यूचुअल फंड है जिसे आप किसी भी समय खरीद और बेच सकते हैं। ओपन-एंड ELSS में, फंड हाउस हर दिन अपने फंड के NAV (नेट एसेट वैल्यू) की गणना करता है। आप NAV पर निवेश कर सकते हैं और NAV पर भी अपना निवेश वापस ले सकते हैं।
फायदे:
- कम लागत: ओपन-एंड ELSS आमतौर पर लिस्टेड ELSS की तुलना में कम लागत वाले होते हैं।
- फ्लेक्सिबिलिटी: आप अपनी आवश्यकताओं के अनुसार अपना निवेश बढ़ा या घटा सकते हैं।
नुकसान:
- लॉक-इन अवधि: ओपन-एंड ELSS में भी 3-वर्ष की लॉक-इन अवधि होती है।
लिस्टेड ELSS
यह एक प्रकार का म्यूचुअल फंड है जिसे स्टॉक एक्सचेंज पर सूचीबद्ध किया जाता है। लिस्टेड ELSS को शेयरों की तरह खरीद और बेचा जा सकता है। लिस्टेड ELSS का NAV स्टॉक एक्सचेंज पर हर दिन कारोबार के अंत में घोषित किया जाता है। आप स्टॉक एक्सचेंज पर लिस्टेड ELSS को खरीद और बेच सकते हैं।
फायदे:
- लिक्विडिटी: आप इन ELSS को शेयरों की तरह खरीद और बेच सकते हैं।
- ट्रेडिंग सुविधा: आप इन ELSS को स्टॉक एक्सचेंज पर ट्रेड कर सकते हैं।
नुकसान:
- अधिक लागत: लिस्टेड ELSS आमतौर पर ओपन-एंड ELSS की तुलना में अधिक लागत वाले होते हैं।
- कम लचीलापन: आप अपनी आवश्यकताओं के अनुसार अपना निवेश बढ़ा या घटा नहीं सकते हैं।
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ओपन-एंड और लिस्टेड ELSS के बीच अंतर
विशेषता | ओपन-एंड ELSS | लिस्टेड ELSS |
निवेश अवधि | 3 साल | 3 साल |
निवेश की न्यूनतम राशि | आमतौर पर 500 रुपये | आमतौर पर 500 रुपये |
निवेश का तरीका | किसी भी समय खरीद और बेचें | स्टॉक एक्सचेंज पर खरीदें और बेचें |
NAV की गणना | प्रति दिन | प्रति दिन |
रिटर्न | इक्विटी बाजार के प्रदर्शन पर निर्भर करता है | इक्विटी बाजार के प्रदर्शन पर निर्भर करता है |
जोखिम | इक्विटी बाजार के जोखिम के अधीन | इक्विटी बाजार के जोखिम के अधीन |
कौन सा ELSS चुनना है?
आपके लिए कौन सा ELSS सबसे अच्छा है यह आपके निवेश लक्ष्यों और जोखिम सहनशीलता पर निर्भर करता है।
- यदि आप एक लचीला निवेशक हैं जो बाजार में उतार-चढ़ाव के साथ अपने निवेश को समायोजित कर सकता है, तो आप ओपन-एंड ELSS चुन सकते हैं।
- यदि आप एक निवेशक हैं जो बाजार में उतार-चढ़ाव के जोखिमों को कम करना चाहता है, तो आप लिस्टेड ELSS चुन सकते हैं।
ELSS स्कीम के Tax Benefits
इस स्कीम के निम्नलिखित टैक्स लाभ हैं:
- 80C के तहत 1.5 लाख रुपये तक की टैक्स छूट: इसमें निवेश करने पर, आप इनकम टैक्स के सेक्शन 80C के तहत 1.5 लाख रुपये तक की टैक्स छूट का लाभ उठा सकते हैं। इसका मतलब है कि आप अपने इनकम टैक्स बिल से 1.5 लाख रुपये तक की राशि कम कर सकते हैं।
- लॉन्ग-टर्म कैपिटल गैन्स पर टैक्स छूट: इसमें निवेश करने पर, आप लॉन्ग-टर्म कैपिटल गैन्स (LTCG) पर टैक्स छूट का लाभ उठा सकते हैं। यदि आप 3 साल से अधिक समय के लिए इसमें निवेश करते हैं और इसे बेचते हैं, तो आप उस पर किए गए लाभ पर कोई टैक्स नहीं देना होगा।
- टैक्स सेविंग और रिटर्न दोनों: यह एक टैक्स सेविंग स्कीम है जो आपको इनकम टैक्स में छूट प्रदान करती है और साथ ही आपको इक्विटी बाजार में उच्च रिटर्न की भी संभावना देती है।
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ELSS के टैक्स लाभों का लाभ उठाने के लिए, आपको निम्नलिखित शर्तों को पूरा करना होगा:
- आपको एक वित्तीय वर्ष में 1.5 लाख रुपये तक के निवेश की सीमा के भीतर रहना होगा।
- आपको कम से कम 3 साल के लिए निवेश रखना होगा।
- आपको अपने निवेश को 3 साल से पहले नहीं निकालना चाहिए।
इसके टैक्स लाभों का लाभ उठाने के लिए, आपको निम्नलिखित दस्तावेजों को जमा करना होगा:
- निवेश प्रमाणपत्र
- इनकम टैक्स रिटर्न
ELSS में निवेश के विकल्प क्या हैं?
इसमें निवेश के दो मुख्य विकल्प हैं:
- SIP (Systematic Investment Plan) – (सिप)
- Lumpsum Investment (लम्पसम)
SIP (सिप)
SIP एक प्रकार का निवेश है जिसमें आप एक निश्चित राशि को नियमित अंतराल पर निवेश करते हैं। आमतौर पर, SIP को मासिक रूप से किया जाता है, लेकिन आप इसे तिमाही, छमाही या वार्षिक रूप से भी कर सकते हैं।
ELSS में SIP करने के कई फायदे हैं:
- औसत लागत प्रभाव
- नियमित बचत
- भावनाओं पर काबू
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Lumpsum Investment (लम्पसम)
लम्पसम एक ऐसा निवेश है जिसमें आप एक ही बार में एक बड़ी राशि का निवेश करते हैं। लम्पसम आपको बाजार में उतार-चढ़ाव से लाभ उठाने का मौका दे सकता है, लेकिन यह जोखिम भरा भी हो सकता है।
ELSS में Lumpsum Investment करने के कुछ फायदे हैं:
- एक बार में निवेश करके, आप बाजार की अस्थिरता से बच सकते हैं।
- यदि आपके पास एक बड़ी राशि है जिसे आप निवेश करना चाहते हैं, तो Lumpsum Investment एक अच्छा विकल्प हो सकता है।
SIP और Lumpsum Investment के बीच तुलना
विशेषता | SIP | Lumpsum Investment |
निवेश की आवृत्ति | नियमित | एक बार |
बाजार की अस्थिरता | औसत लागत प्रभाव | जोखिम अधिक |
भावनाओं पर काबू | बेहतर | भावनाओं पर अधिक निर्भर |
निवेश की सुविधा | अधिक सुविधाजनक | कम सुविधाजनक |
निवेश लक्ष्य | दीर्घकालिक | दीर्घकालिक या अल्पकालिक |
कौन सा विकल्प बेहतर है?
SIP और Lumpsum Investment दोनों के अपने फायदे और नुकसान हैं। आपके लिए कौन सा विकल्प बेहतर है यह आपके निवेश लक्ष्यों, जोखिम सहनशीलता और वित्तीय स्थिति पर निर्भर करता है।
यदि आप एक दीर्घकालिक निवेशक हैं और बाजार की अस्थिरता से बचना चाहते हैं, तो SIP एक अच्छा विकल्प है। यदि आपके पास एक बड़ी राशि है जिसे आप निवेश करना चाहते हैं, तो Lumpsum Investment एक अच्छा विकल्प हो सकता है।
यह भी पढ़िए – क्या म्यूचुअल फंड सही है?
ELSS में निवेश कैसे करें? How To Invest In It?
इसमें निवेश करने के लिए आपके पास ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों के विकल्प होते हैं। निम्नलिखित हैं दोनों तरीकों के बारे में विवरण:
1. ऑनलाइन निवेश:
- म्यूच्यूअल फंड कंपनी की वेबसाइट:
- यह सबसे सामान्य तरीका है ELSS में निवेश करने का। आप अपने चयनित म्यूच्यूअल फंड कंपनी की वेबसाइट पर जाकर निवेश कर सकते हैं।
- वहाँ पर आपको निवेश करने के लिए आवश्यक फॉर्म और कागजात की मांग की जाएगी।
- आप आवश्यक जानकारी भरकर और आवश्यक दस्तावेजों को अपलोड करके निवेश कर सकते हैं।
- म्यूच्यूअल फंड कंपनी की मोबाइल एप्लिकेशन:
- कई म्यूच्यूअल फंड कंपनियां अपने मोबाइल एप्लिकेशन्स के माध्यम से भी ऑनलाइन निवेश की सुविधा प्रदान करती हैं।
- आपको आपके मोबाइल एप्लिकेशन को डाउनलोड करके आवश्यक जानकारी भरनी होती है और निवेश कर सकते हैं।
2. ऑफलाइन निवेश:
- म्यूच्यूअल फंड कंपनी के शाखा: आप अपने निवेश के लिए चयनित म्यूच्यूअल फंड कंपनी की किसी शाखा या वित्तीय सलाहकार के पास जा सकते हैं। वहाँ पर आपको निवेश करने के लिए आवश्यक फॉर्म और कागजात मिलेंगे, और वहाँ के प्रतिनिधि आपको निवेश प्रक्रिया में मदद करेंगे।
- रजिस्ट्रार और ट्रांसफर एजेंट्स (R&T एजेंट्स): आप अपने निवेश को रजिस्ट्रार और ट्रांसफर एजेंट्स के पास भी निवेश कर सकते हैं, जो म्यूच्यूअल फंड कंपनियों के निवेशकों के लिए सेवाएँ प्रदान करते हैं।
निवेश के लिए चुने गए तरीके पर निर्भर करता है कि आपको कैसे और कहां निवेश करना है। ऑनलाइन निवेश आसानी से किया जा सकता है और आपको निवेश प्रक्रिया में अधिक सुविधा मिलती है, जबकि ऑफलाइन निवेश में आपको वित्तीय सलाहकारों और शाखाओं की मदद लेनी हो सकती है।
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ईएलएसएस में न्यूनतम कितना निवेश कर सकते हैं?
ELSS में न्यूनतम निवेश ₹500 प्रति माह है। आप ₹500 से अधिक या कम भी निवेश कर सकते हैं, लेकिन यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि आपके वार्षिक निवेश की सीमा ₹1.5 लाख है। इसका मतलब है कि आप 12 महीनों में ₹1.5 लाख तक निवेश कर सकते हैं।
यदि आप एक ही बार में ₹1.5 लाख का निवेश करना चाहते हैं, तो आप लम्पसम के माध्यम से निवेश कर सकते हैं। यदि आप एकमुश्त निवेश करने में सक्षम नहीं हैं, तो आप SIP के माध्यम से निवेश कर सकते हैं। SIP आपको नियमित रूप से, जैसे कि मासिक या तिमाही, एक निश्चित राशि का निवेश करने की अनुमति देता है।
इसमें निवेश करने से पहले, अपने जोखिम सहनशीलता और निवेश लक्ष्यों पर विचार करना महत्वपूर्ण है। यदि आप एक उच्च जोखिम वाले निवेशक हैं, तो आप मिड-कैप या स्मॉल-कैप ELSS में निवेश कर सकते हैं। यदि आप एक कम जोखिम वाले निवेशक हैं, तो आप इक्विटी-ओरिएंटेड ELSS में निवेश कर सकते हैं।
ELSS में निवेश करने के लिए, आपको एक म्यूचुअल फंड हाउस चुनना होगा और एक म्यूचुअल फंड खाता खोलना होगा। आप ऑनलाइन या ऑफलाइन दोनों तरह से इसमें निवेश कर सकते हैं।
ELSS में निवेश के लिए कुछ सुझाव
- अपने जोखिम सहनशीलता और निवेश लक्ष्यों के आधार पर सही फंड चुनें।
- विभिन्न फंडों की तुलना करें और अपने लिए सबसे अच्छा फंड चुनें।
- नियमित रूप से अपने निवेश की समीक्षा करें और आवश्यकतानुसार समायोजन करें।
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ELSS में किसे निवेश करना चाहिए?
इसमें निवेश करना उन निवेशकों के लिए एक अच्छा विकल्प है जो निम्नलिखित स्थितियों में हैं:
- जो लोग अपने इनकम टैक्स में छूट प्राप्त करना चाहते हैं: इसमें निवेश करने पर, आप ₹1.5 लाख तक की राशि पर ₹46,800 तक की टैक्स छूट प्राप्त कर सकते हैं।
- जो लोग इक्विटी बाजार में निवेश करना चाहते हैं: यह एक इक्विटी-लिंक्ड बचत योजना है, जिसका अर्थ है कि यह इक्विटी बाजार में निवेश करती है।
- जो लोग लंबी अवधि के लिए निवेश करना चाहते हैं: इसमें निवेश करने के लिए तीन साल की लॉक-इन अवधि होती है।
इसमें निवेश करने से पहले, अपने जोखिम सहनशीलता और निवेश लक्ष्यों पर विचार करना महत्वपूर्ण है। यदि आप एक उच्च जोखिम वाले निवेशक हैं, तो आप मिड-कैप या स्मॉल-कैप ELSS में निवेश कर सकते हैं। यदि आप एक कम जोखिम वाले निवेशक हैं, तो आप इक्विटी-ओरिएंटेड ELSS में निवेश कर सकते हैं।
ELSS में निवेश के लिए कुछ सुझाव
- अपने जोखिम सहनशीलता और निवेश लक्ष्यों के आधार पर सही फंड चुनें।
- विभिन्न फंडों की तुलना करें और अपने लिए सबसे अच्छा फंड चुनें।
- नियमित रूप से अपने निवेश की समीक्षा करें और आवश्यकतानुसार समायोजन करें।
ELSS में निवेश न करने के लिए कुछ कारण
- यदि आपके पास निवेश करने के लिए ₹1.5 लाख नहीं हैं, तो आप इसमें निवेश नहीं कर सकते हैं।
- यदि आप एक कम जोखिम वाले निवेशक हैं, तो आप इसमें निवेश से बचना चाह सकते हैं।
- यदि आप दीर्घ अवधि के लिए निवेश करने में सक्षम नहीं हैं, तो आप इसमें निवेश से बचना चाह सकते हैं।
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ईएलएसएस में लॉक-इन-पीरियड कितना होता हैं? Lock In Period In ELSS
ELSS में लॉक-इन अवधि 3 वर्ष है। इसका मतलब है कि आप अपने निवेश को 3 साल से पहले नहीं निकाल सकते हैं। यदि आप 3 साल से पहले अपना निवेश निकालते हैं, तो आपको अपने निवेश पर किए गए किसी भी लाभ पर टैक्स देना होगा।
इसमें लॉक-इन अवधि की आवश्यकता इसलिए है क्योंकि यह निवेशकों को इक्विटी बाजार में लंबी अवधि के लिए निवेश करने के लिए प्रोत्साहित करती है। इक्विटी बाजार में रिटर्न आमतौर पर लंबी अवधि में अधिक होता है।
ELSS में निवेश करने से पहले, यह सुनिश्चित करना महत्वपूर्ण है कि आप लॉक-इन अवधि के लिए तैयार हैं। यदि आपको अपने निवेश की आवश्यकता हो सकती है, तो आप इसमें निवेश नहीं करना चाह सकते हैं।
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ELSS में लॉक-इन अवधि के कुछ लाभ:
- यह निवेशकों को इक्विटी बाजार में लंबी अवधि के लिए निवेश करने के लिए प्रोत्साहित करता है।
- यह निवेशकों को बाजार के उतार-चढ़ाव से बचने में मदद करता है।
- यह निवेशकों को उच्च रिटर्न की संभावना प्रदान करता है।
इसमें लॉक-इन अवधि के कुछ नुकसान:
- यह निवेशकों को अपने निवेश को जल्दी से निकालने की अनुमति नहीं देता है।
- यह निवेशकों को बाजार के उतार-चढ़ाव से नुकसान पहुंचा सकता है।
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ELSS कितना रिटर्न देता हैं? क्या इन रिटर्न्स पर टैक्स लगता है?
इसमें रिटर्न इक्विटी बाजार के प्रदर्शन पर निर्भर करता है। इक्विटी बाजार में रिटर्न आमतौर पर लंबी अवधि में अधिक होता है।
पिछले 10 वर्षों में, ELSS ने औसतन 12% से 15% का रिटर्न दिया है। हालाँकि, यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि यह केवल एक अनुमान है और वास्तविक रिटर्न भिन्न हो सकता है।
इसमें निवेश करने से पहले, यह महत्वपूर्ण है कि आप अपने जोखिम सहनशीलता और निवेश लक्ष्यों पर विचार करें। यदि आप एक उच्च जोखिम वाले निवेशक हैं, तो आप मिड-कैप या स्मॉल-कैप ELSS में निवेश कर सकते हैं। यदि आप एक कम जोखिम वाले निवेशक हैं, तो आप इक्विटी-ओरिएंटेड ELSS में निवेश कर सकते हैं।
यह भी पढ़िए – म्यूचुअल फंड में पैसा कब लगाएं?
यहाँ कुछ ELSS फंड हैं जो पिछले कुछ सालों में अच्छा प्रदर्शन कर चुके हैं:
- Canara Robeco Equity Tax Saver Fund: इस फंड ने पिछले 3 साल में 16.39% रिटर्न दिए हैं और इसका AUM ₹5,981.03 करोड़ है।
- UTI Long Term Equity Fund (Tax Saving): इस फंड ने पिछले 3 साल में 13.71% रिटर्न दिए हैं और इसका AUM ₹3,158.61 करोड़ है।
- Motilal Oswal Long Term Equity Fund: इस फंड ने पिछले 3 साल में 14.17% रिटर्न दिए हैं और इसका AUM ₹2,534.90 करोड़ है।
- Quant Tax Plan: इस फंड ने पिछले 3 साल में 25.57% रिटर्न दिए हैं और इसका AUM ₹4,605.77 करोड़ है।
- SBI Long Term Equity Fund: इस फंड ने पिछले 3 साल में 15.76% रिटर्न दिए हैं और इसका AUM ₹15,374.28 करोड़ है।
- Parag Parikh Tax Saver Fund: इस फंड ने पिछले 3 वर्षों में 26.04% का रिटर्न दिए हैं और इसका AUM ₹1,932.37 करोड़ है।
कृपया ध्यान दें कि पिछला प्रदर्शन भविष्य के प्रदर्शन की कोई गारंटी नहीं है।
यहाँ पिछले कुछ वर्षों में अच्छा प्रदर्शन करने वाले ELSS फंडों की एक तालिका है:
फंड का नाम | 3 साल के रिटर्न | AUM |
Canara Robeco Equity Tax Saver Fund | 16.39% | ₹5,981.03 करोड़ |
UTI Long Term Equity Fund (Tax Saving) | 13.71% | ₹3,158.61 करोड़ |
Motilal Oswal Long Term Equity Fund | 14.17% | ₹2,534.90 करोड़ |
Quant Tax Plan | 25.57% | ₹4,605.77 करोड़ |
SBI Long Term Equity Fund | 15.76% | ₹15,374.28 करोड़ |
Parag Parikh Tax Saver Fund | 26.04% | ₹1,932.37 करोड़ |
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अन्य टैक्स सेविंग स्कीम्स के मुकाबले ELSS कितना अच्छा या बुरा है?
ELSS अन्य टैक्स सेविंग स्कीम्स के मुकाबले एक अच्छा विकल्प है, लेकिन यह सब निवेशक की व्यक्तिगत आवश्यकताओं और लक्ष्यों पर निर्भर करता है।
यदि आप एक उच्च जोखिम लेने वाले निवेशक हैं और लंबी अवधि के लिए निवेश करने में सक्षम हैं, तो यह एक अच्छा विकल्प हो सकता है। यदि आप एक कम जोखिम लेने वाले निवेशक हैं या जल्दी से पैसे निकालने की आवश्यकता है, तो अन्य टैक्स सेविंग स्कीम्स एक बेहतर विकल्प हो सकते हैं।
अन्य टैक्स सेविंग स्कीम्स:
- PPF: PPF एक बचत योजना है जिसमें आपको 15 साल तक निवेश करना होता है। PPF में निवेश पर आपको 8.1% का ब्याज मिलता है।
- 5-year FD: 5-year FD एक बचत योजना है जिसमें आपको 5 साल तक निवेश करना होता है। 5-year FD में निवेश पर आपको 7% से 8% का ब्याज मिलता है।
- Senior Citizen Savings Scheme: Senior Citizen Savings Scheme एक बचत योजना है जिसमें 60 वर्ष से अधिक आयु के नागरिक निवेश कर सकते हैं। Senior Citizen Savings Scheme में निवेश पर आपको 7.4% का ब्याज मिलता है।
- ULIP: ULIP एक जीवन बीमा योजना है जिसमें आप इक्विटी और डेट में निवेश करते हैं। ULIP पर आपको टैक्स छूट मिल सकती है, लेकिन यह एक जटिल उत्पाद है और इसमें जोखिम शामिल है।
यह एक अच्छा विकल्प है यदि आप इक्विटी बाजार में निवेश करना चाहते हैं और लंबी अवधि के लिए निवेश करने में सक्षम हैं। ELSS अन्य टैक्स सेविंग स्कीम्स की तुलना में उच्च रिटर्न की संभावना प्रदान करता है, लेकिन इसमें जोखिम भी शामिल है।
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ELSS कितना Risky होता हैं?
ELSS एक इक्विटी-लिंक्ड बचत योजना है, इसलिए इसमें बाजार जोखिम होता है। इसका मतलब है कि आपके निवेश का मूल्य कम हो सकता है।
ELSS में जोखिम निम्नलिखित कारकों पर निर्भर करता है:
- इक्विटी बाजार का प्रदर्शन: इक्विटी बाजार में उतार-चढ़ाव होता है, इसलिए इसमें निवेश करने पर आपके निवेश का मूल्य कम हो सकता है।
- फंड का प्रबंधन: एक अच्छा प्रबंधक आपके निवेश का मूल्य बढ़ाने में मदद कर सकता है।
- फंड का पोर्टफोलियो: एक विविध पोर्टफोलियो आपके निवेश को जोखिम को कम करने में मदद कर सकता है।
- निवेश की अवधि: लंबी अवधि में, इक्विटी बाजार में रिटर्न आमतौर पर अधिक होता है।
यदि आप एक उच्च जोखिम लेने वाले निवेशक हैं, तो आप मिड-कैप या स्मॉल-कैप ELSS में निवेश कर सकते हैं। यदि आप एक कम जोखिम लेने वाले निवेशक हैं, तो आप इक्विटी-ओरिएंटेड ELSS में निवेश कर सकते हैं।
ELSS एक अच्छा निवेश विकल्प हो सकता है, लेकिन यह एक जोखिम भरा निवेश है। यदि आप एक उच्च जोखिम लेने वाले निवेशक हैं और लंबी अवधि के लिए निवेश करने में सक्षम हैं, तो ELSS एक अच्छा विकल्प हो सकता है।
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ELSS Scheme में आपका पैसा कहां निवेश होता है?
ELSS (Equity Linked Savings Scheme) में आपका पैसा इक्विटी म्यूच्यूअल फंड्स के रूप में निवेश होता है। इसका मतलब है कि जब आप ELSS में निवेश करते हैं, तो आपके पैसे का एक हिस्सा म्यूच्यूअल फंड्स के अन्तर्गत रखा जाता है।
इक्विटी म्यूच्यूअल फंड्स इक्विटी बाजार में निवेश करते हैं और इसमें विभिन्न कंपनियों के शेयरों, सुरक्षाओं, और अन्य वित्तीय संपत्ति का पोर्टफोलियो होता है। निवेशकों के निवेश का एक हिस्सा इस पोर्टफोलियो में निवेश किया जाता है, और उन्हें इक्विटी मार्केट के रूप में वित्तीय रूप से वापसी प्राप्त करने की कोशिश की जाती है।
इक्विटी म्यूच्यूअल फंड्स अक्सर पैसे को विभिन्न शेयरों और सुरक्षाओं में वित्तीय वित्तीय डिवर्सिफिकेशन के माध्यम से निवेश करते हैं, जिससे जोखिम को कम किया जा सकता है। इसके अलावा, म्यूच्यूअल फंड कंपनियां इक्विटी मार्केट के विशेषज्ञों द्वारा प्रबंधित की जाती हैं, जिससे निवेशकों को अधिक वित्तीय नियमिता और जोखिमों की निगरानी में मदद मिलती है।
लेकिन ध्यान दें कि इक्विटी म्यूच्यूअल फंड्स में बाजार की वोलेटिलिटी के कारण जोखिम होता है, और निवेशकों को इस बात की समझ होनी चाहिए कि उनके निवेश की मूल्य में परिस्थितियों के बदलने के कारण उतार-चढ़ाव हो सकता है।
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Growth Vs Dividend Plan – कौनसा बेहतर हैं?
ELSS में ग्रोथ प्लान और डिविडेंड प्लान दोनों ही अच्छे विकल्प हैं, लेकिन यह आपके निवेश लक्ष्यों और जोखिम सहनशीलता पर निर्भर करता है कि कौन सा प्लान आपके लिए बेहतर है।
ग्रोथ प्लान
- ग्रोथ प्लान में, आपके द्वारा अर्जित रिटर्न को आपके निवेश इकाइयों में वापस निवेश किया जाता है।
- इससे आपके निवेश की कुल वैल्यू बढ़ती है और आपको लंबी अवधि में अधिक रिटर्न मिल सकता है।
- ग्रोथ प्लान में डिविडेंड प्लान की तुलना में अधिक जोखिम होता है।
डिविडेंड प्लान
- डिविडेंड प्लान में, आपके द्वारा अर्जित रिटर्न आपको नकद राशि के रूप में भुगतान किया जाता है।
- इससे आपको नियमित आय का स्रोत मिल सकता है।
- डिविडेंड प्लान में ग्रोथ प्लान की तुलना में कम जोखिम होता है।
कौन सा प्लान बेहतर है?
- यदि आप लंबी अवधि के लिए निवेश कर रहे हैं और अधिक रिटर्न की उम्मीद कर रहे हैं, तो ग्रोथ प्लान एक बेहतर विकल्प है।
- यदि आप नियमित आय की आवश्यकता है या कम जोखिम के साथ निवेश करना चाहते हैं, तो डिविडेंड प्लान एक बेहतर विकल्प है।
यह भी पढ़िए – SIP क्या है? SIP के फायदे और नुकसान
निष्कर्ष (Conclusion) – ईएलएसएस क्या है?
ELSS एक इक्विटी लिंक्ड सेविंग स्कीम (ELSS) एक म्यूचुअल फंड है जो इक्विटी बाजार में निवेश करता है। यह आपको टैक्स में छूट और उच्च रिटर्न की संभावना प्रदान करता है। हालांकि, इसमें बाजार जोखिम भी होता है। यदि आप एक उच्च जोखिम लेने वाले निवेशक हैं और लंबी अवधि के लिए निवेश करने में सक्षम हैं, तो ELSS एक अच्छा विकल्प हो सकता है।
ELSS में निवेश करने से पहले निम्नलिखित बातों का ध्यान रखें:
- अपने जोखिम सहनशीलता और निवेश लक्ष्यों पर विचार करें।
- विभिन्न फंडों की तुलना करें और अपने लिए सबसे अच्छा फंड चुनें।
- नियमित रूप से अपने निवेश की समीक्षा करें और आवश्यकतानुसार समायोजन करें।
संक्षेप में, ELSS एक निवेश विकल्प है जो उच्च रिटर्न की संभावना प्रदान करता है, लेकिन इसमें बाजार जोखिम भी होता है। यदि आप एक उच्च जोखिम लेने वाले निवेशक हैं और लंबी अवधि के लिए निवेश करने में सक्षम हैं, तो ELSS एक अच्छा विकल्प हो सकता है।
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सामान्य प्रश्न-उत्तर (FAQs) – ELSS Kya Hai?
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भारत में ईएलएसएस फंड क्या है?
भारत में ईएलएसएस फंड एक प्रकार की टैक्स सेविंग म्यूच्यूअल फंड होता है जिसमें निवेशक कर बचा सकते हैं और वोलेटाइल इक्विटी मार्केट में निवेश किया जाता है।
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ELSS में निवेश करने के लिए न्यूनतम राशि क्या है?
इसमें निवेश करने के लिए न्यूनतम राशि आमतौर पर 500 रुपये होती है।
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ELSS में निवेश करने के क्या लाभ होते हैं?
इसमें निवेश करने से निवेशक को कर की छूट का लाभ होता है, और वे बाजारी लाभ की उम्मीद कर सकते हैं।
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ईएलएसएस निवेश के बाद पैसे कैसे निकाले जाते हैं?
इसमें निवेश के बाद, निवेशक को लॉक-इन पीरियड के बाद पैसे निकाल सकते हैं, और यह पैसे उनके बैंक खाते में ट्रांसफर किए जा सकते हैं।
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ELSS निवेश के लिए कौन-कौन से डॉक्यूमेंट्स की आवश्यकता होती है?
इसमें निवेश करते समय आपको पैन कार्ड, आधार कार्ड, पासपोर्ट साइज फोटो, और बैंक डिटेल्स की आवश्यकता हो सकती है।
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ईएलएसएस में निवेश करने का सबसे अच्छा समय क्या है?
इसमें निवेश करने का सबसे अच्छा समय तब होता है जब आपके पास कम से कम 3 साल का निवेश का समय हो।
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ईएलएसएस से मिलने वाला रिटर्न कितना है?
इससे मिलने वाला रिटर्न पिछले प्रदर्शन पर निर्भर करता है। पिछले कुछ वर्षों में, ELSS ने औसतन 12% से 15% का रिटर्न दिया है।